थार मरुस्थल भारत के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित एक रेतीला व शुष्क उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है. यहां रेत के टीलों व मैदानों के अधिकता का स्पष्ट प्रभाव यहां के जलवायु पर पड़ता है. इससे दिन के समय में धूप के गर्मी से तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है और रात में उष्मा स्त्रोत के अभाव में काफी कम होता जाता है. दिन के समय में सूर्यताप के कारण कई जगह रेत उबलने लगते है. इन विषम परिस्थितियों के कारण थार रेगिस्तान में जीवन काफी कठिन और विरल है.
थार मरुस्थल का नाम पाकिस्तान में स्थित थारपारकर के नाम पर पड़ा है. कुछ का कहना कि इसकी उत्पति थल शब्द से हुई है.
भौगोलिक स्थिति व आकार
थार मरुस्थल का क्षेत्रफल करीब 2 लाख वर्ग किलोमीटर है. इसके पश्चिम में सिंधु नदी के मैदान , उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंजाब का मैदान , दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वतमाला और दक्षिण में कच्छ का रण स्थित है. इसका 85 फीसदी इलाका भारत में और शेष इलाका पकिस्तान में फैला हुआ है. अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर स्थित थार मरुस्थल एक तरंगित मैदान है.
इलाके में स्थित जैसलमेर एक दर्शनीय स्थल है. यहां का किला काफी प्रसिद्ध है और पुरे दुनिया से लोग यहां भ्रमण के लिए आते है. कम आबादी और शुष्क मौसम एक अलग अहसास देती है. इसलिए शहर के बाहर स्थित रेत के सुन्दर टीलें आकर्षण का केंद्र है.
मरुस्थलीकरण का कारण
यह इलाका अपने वार्षिक वर्षापात का 80% दक्षिण-पश्चिम मानसून से प्राप्त करता है. लेकिन यहां स्थित अरावली पर्वतमाला इस मानसूनी हवा के समानांतर स्थित है. इस कारण मानसूनी पवन के लिए कोई भी प्राकृतिक अवरोध नहीं है, जिससे पुरा इलाका अल्पवृष्टि का शिकार है. इस इलाके के मरुस्थलीकरण का मुख्य कारण यहीं अल्पवृष्टि है.
हालांकि, सरकार द्वारा इलाके को हरा-भरा बनाए रखने का काफी प्रयास किया जा रहा है. मनरेगा योजना के तहत इलाके में सघन वृक्षा-रोपण अभियान चलाए गए है. जल भंडारण के लिए कुए व तालाब का निर्माण भी इस योजना के तहत किया जा रहा है. साथ ही, इंदिरा नहर योजना इलाके के लिए जीवनदायी साबित हुआ है.
थार मरुस्थल का विस्तार
थार मरुस्थल का कुल क्षेत्रफल 200,000 वर्ग किलोमीटर या 77,000 वर्ग मील है. यह विश्व का 17वाँ सबसे बड़ा और 9वाँ सबसे बड़ा गरम उपोष्णकटिबन्धीय मरुस्थल है. इसका 85% भाग भारत के राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा और 15% भाग पाकिस्तान के सिंध प्रांत और पंजाब प्रांत में फैला हुआ है.
राजस्थान राज्य के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग थार मरुस्थल के इलाके में है. राजस्थान के 6 जिले- चुरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर – लगभग रेतीले मैदान है. भारत विभाजन के बाद अधिकाँश नहर पकिस्तान के हिस्से में चले गए. इलाके के सबसे नजदीकी नदी जलस्त्रोत पकिस्तान में ही स्थित है. इसलिए यहाँ नहरों से जल पहुँचाना मुश्किल है, जो स्थायी मरुस्थलीकरण का कारण भी है.
थार में जनजीवन
यहाँ विरल आबादी पाई जाती है, जो दूर-दूर फैले होते है. अधिकाँश आबादी ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. यहां कई घुमन्तु जनजातियां भी निवास करते है. पशुपालन, हस्तशिल्प और कारीगरी अधिकाँश ग्रामीण लोगों का पेशा है. लोग पर्यटन उद्योग से भी कमाई करते है. साथ ही, व्यापार भी आय का जरिया है.
यहाँ के घास पौष्टिक भी होते है, जो पशुओं के भरण-पोषण में काम आ जाता है. पशुओं में ऊंट का पालन सामान्य है. मरुस्थली इलाके में जीने के लिए अनुकूल होने के कारण, ऊंट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ भी कहा जाता है.
यहाँ के घास के मैदान अल्कलाइन द्रव्यों से पूर्ण होते है. इसलिए इस इलाके के कई घासों का इस्तेमाल दवा बनाने के काम आता है.
शहरों में समय अनुरूप श्रम और रोजगार के साधन उपलब्ध है. उचित जलप्रबंधन के कारण इन इलाकों में जीवन सुचारु रहता है.
थार में सिंधी, मारवाड़ी और स्थानीय बोलियां बोली जाती है.
मरू समारोह
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फरवरी माह में पूर्णमासी के दिन जैसलमेर में मरू समारोह का आयोजन किया जाता है. इसके आयोजन में राजस्थान सरकार काफी संसाधन व्यय करती है, जिसका एकमात्र उद्देश्य अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देना है.
इसे तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाता है. इस दौरान राजस्थान के समृद्ध सभ्यता और संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाया जाता है. कई प्रकार के प्रतियोगिता और राजस्थानी नृत्य समारोह भी आयोजित किया जाता है. रात में चांदनी के वजह से रेत के टीले चमक उठते है, जो समारोह के मोहकता को बढ़ा देता है.
FAQs
विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान कौन सा है?
“सहारा” दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है. यह लगभग पूरे उत्तरी अफ्रीका में फैला हुआ है. यह पूर्व से पश्चिम तक लगभग 3,000 मील (4,800 किमी) और उत्तर से दक्षिण तक 800 से 1,200 मील (1,300 से 1,900 किमी) लंबा है. इसका कुल क्षेत्रफल 3,320,000 वर्ग मील (8,600,000 वर्ग किमी) है.
गोबी मरुस्थल कहाँ है?
‘गोबी‘ मध्य एशिया का एक बहुत बड़ा रेगिस्तानी और अर्धरेगिस्तानी क्षेत्र है. इसका नाम मंगोलियाई शब्द गोबी से लिया गया है, जिसका अर्थ है “जल रहित स्थान”. यह मंगोलिया और चीन के विशाल हिस्से में फैला हुआ है.
सहारा का उच्चतम बिंदु कौन सा है?
माउंट कौसी 11,204 फीट (3,415 मीटर) की ऊंचाई पर सहारा का सबसे ऊंचा शिखर है. यह उत्तर-पश्चिमी चाड के टिबेस्टी मासिफ़ में फ़या से 176 किमी दूर उत्तर-उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह एक विलुप्त ज्वालामुखी है, जिसका गड्ढा 19 किमी चौड़ा और12 किमी गहरा है.
अटाकामा मरुस्थल कहाँ है?
अटाकामा मरुस्थल उत्तरी चिली में स्थित एक ठंडा और शुष्क क्षेत्र है. अटाकामा रेगिस्तान उत्तर से दक्षिण तक लगभग 600 से 700 मील (1,000 से 1,100 किमी) लंबा है.
मरुस्थलीकरण से कौन सा महाद्वीप अत्यधिक प्रभावित है?
अफ्रीका में सुडानो-सहेलियन क्षेत्र दुनिया का सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है. सुडानो-सहेलियन शुष्क भूमि का 70% से अधिक हिस्सा क्षरित हो चुका है. मरुस्थलीकरण से प्रभावित कुल आबादी का 80 फीसदी इसी इलाके में रहता है.